आपने DevOps का नाम तो जरूर सुना होगा! और शायद इसके बारे में पढ़ा-सुना भी होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि यह DevOps Kya Hai? और कैसे काम करता है? अगर नहीं तो चिंता की कोई बात नहीं। क्योंकि आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं। तो अगर आप भी DevOps को एक Programming Language या Software या Tool समझते हैं! तो आप गलत हैं। असल में, यह न तो कोई टूल है, न सॉफ्टवेयर है और न ही प्रोग्रामिंग लैंग्वेज। तो फिर DevOps है क्या? What is DevOps? आइए, विस्तार से जानते हैं।
DevOps
जब मैंने पहली बार DevOps का नाम सुना था तो मुझे भी यही लगा था कि यह कोई Programming Language है। लेकिन जब मैंने इसके बारे में डिटेल में पढ़ा तो पता चला कि यह Programming Language नहीं है। बल्कि यह तो ज्ञान, वास्तविकता और अस्तित्व की मौलिक प्रकृति का अध्ययन करने वाली एक कार्यप्रणाली है।
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यानि कि DevOps एक Methodology (कार्यप्रणाली) या Mindset (मानसिकता) है, उस Product या Website के बारे में, जिसे आप यूजर तक पहुँचाने के लिए बना रहे हैं। Website को सोचने और डिजाइन करने से लेकर Users तक पहुँचाने में आपको जिस प्रक्रिया (Process) से गुजरना पड़ता है, वही DevOps का मूल Concept है।
शायद अभी तक आपके पल्ले कुछ भी नहीं पड़ा होगा कि DevOps Kya Hai? लेकिन इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप DevOps को पूरी तरह समझ जाऐंगे। तो आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि DevOps Kya Hai? और यह कैसे काम करता है?
DevOps क्या है?
DevOps दो शब्दों Dev और Ops से मिलकर बना है, जो Development और Operations के संक्षिप्त रूप हैं। यानि कि DevOps का फुल फॉर्म Development Operations है। यहाँ Development का अर्थ है, किसी चीज को बनाना या निर्माण करना। और Operations का अर्थ उस चीज को बनाने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया। इस तरह DevOps का अर्थ हुआ किसी वस्तु या उत्पाद के निर्माण तथा विकास की प्रक्रिया।
असल में, DevOps कोई Programming Language या Software Technology नहीं है, बल्कि यह एक कार्यप्रणाली है! जो एक Team अथवा Organization की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई प्रथाओं और उपकरणों का संयोजन है। यह दरअसल Development तथा Operation टीम के बीच सहयोग को बढ़ावा देती है। जिससे उनका काम दुगुनी तेजी से होता है। और ग्राहकों को बेहतर सेवाऐं देने और बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलती है।
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अगर आसान भाषा में कहें तो DevOps के तहत एक Software के Development और Operation में सभी टीमें (Design, Coding, Testing, Debugging आदि) एक साथ मिलकर काम करती है। जिससे काफी सारा समय बचता है।
वरना काफी ज्यादा वक्त लगता है। क्योंकि सबसे पहले Software को डिजाइन किया जाता है। फिर उसे Developer के पास भेजा जाता है। फिर Developer Coding करके उसे बनाता है। और फिर Testing के लिए भेजता है। Testing के बाद उसमें सुधार किया जाता है। इस प्रक्रिया में काफी सारा वक्त बर्बाद होता है। जिसकी वजह से Software बनाने की स्पीड धीमी हो जाती है। DevOps Methodology इस प्रक्रिया को तेज और आसान बना देता है।
DevOps का इतिहास
आज हम खुशी-खुशी स्वीकारते हैं कि DevOps में अनोखी क्षमता है। लेकिन, जिस समय इसका आविष्कार हुआ था, उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि घटनाओं का एक साधारण-सा मोड़ सॉफ्टवेयर विकास उद्योग में इतनी बड़ी क्रांति ला देगा। असल में सॉफ्टवेयर विकास उद्योग में काफी सारी दुविधाएं और जटिलताऐं थी, जिनकी वजह से सॉफ्टवेयर्स के निर्माण में काफी वक्त लगता था।
उस वक्त एक Software अलग-अलग विभागों से होकर गुजरता था। और उस पर अलग-अलग टीमें काम करती थी। इसीलिए सभी टीमों के तालमेल और Understanding न होने की वजह से काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। कुल मिलाकर Software Development की प्रक्रिया काफी धीमी थी। लेकिन DevOps ने इसे रफ्तार दे दी।
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असल में, DevOps Concept ने Software Development के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन सवाल यह है कि यह DevOps का Concept आया कहाँ से? और इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई? आइए जानते हैं।
DevOps की शुरुआत
DevOps की अवधारणा 2008 में Andrew Clay और Patrick Debois के बीच एक चर्चा से सामने आई थी। वे Agile की कमियों के बारे में चिंतित थे और कुछ बेहतर करना चाहते थे। लेकिन एक मिनट, यह Agile क्या है? आइए, पहले इसको समझते हैं।
असल में, Software या Application Development के क्षेत्र में कई सारी जटिलताऐं का सामना करना पड़ता है। इसमें Project Design करना, Code लिखना, उसका परीक्षण करना, फिर डिबगिंग, फिर Testing और अंत में Launch करने तक कई सारे डिपार्टमेंट होते हैं! और हर डिपार्टमेंट की अलग-अलग टीमें होती हैं। अब अगर एक ही Project पर अलग-अलग लोग और टीमें काम करेंगी! तो जाहिर है गलतियाँ भी होंगी।
Agile Concept की कमियाँ
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि Tester से Software टेस्ट करते समय कोई कोड इधर-उधर हो गया। और उससे पूरा Software खराब हो गया, तो बाकी टीमों को पता भी नहीं चलेगा कि कहाँ का कोड हटा है? और उसे ढूँढने और ठीक करने में कितना समय लगेगा? वहीं दूसरी तरफ जिससे गलती हुई है, वह मानने को तैयार नहीं होगा कि गलती उससे हुई है। इससे टीम में मतभेद और मनमुटाव की संभावना रहती है। इसलिए इस समस्या का समाधान करने के लिए और काम को सुचारु व अनुशासित रूप से चलाने के लिए 1970 में Agile Concept का जन्म हुआ था।
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Agile Concept कंपनियों को ऐसे उत्पाद विकसित करने की अनुमति देता है! जो परिवर्तन और जोखिम के लिए प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करते हैं। इसमें स्व-संगठित टीमें शामिल हैं, जो आपसी तालमेल और ग्राहकों के साथ मिलकर तेजी से Prototypes बनाती हैं। और जब इन Prototypes से ग्राहक संतुष्ट हो जाता है! तो फिर इन्हें दोहराए गए चक्रों के माध्यम से बनाया और विकसित किया जाता है। इसमें ग्राहकों के Feedback को भी शामिल किया जाता है।
लेकिन उस समय पर Agile Concept में कुछ कमियाँ थी, जिन्हें सुधार कर 2008 में DevOps Concept का आविष्कार किया गया।
DevOps का विस्तार
चूंकि DevOps का विचार Alige Concept से बेहतर था, इसीलिए धीरे-धीरे फैलने लगा। और 2009 में बेल्जियम में आयोजित DevOpsDays कार्यक्रम के बाद यह चर्चा का विषय बन गया। इस कार्यक्रम के बाद कई बड़े संगठनों ने DevOps को अपनाना शुरू कर दिया। और आज यह लगभग हर Software Development Company में इस्तेमाल किया जा रहा है।
आपको बता दें कि DevOps सिर्फ दक्षता बढ़ाने का प्रयास नहीं है। बल्कि यह Development Culture को परिवर्तन की दिशा में आगे ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह Development में शामिल प्रत्येक टीम के प्रयासों को एकजुट करने का काम करता है। वह भी सख्त नियमों के साथ। इसीलिए इसमें गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती।
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खैर, Software Development Industry में DevOps का बहुत बड़ा योगदान है। Dev Ops की वजह से आज सॉफ्टवेयर निर्माण के क्षेत्र में एक नई क्रांति आ गई है! इसकी वजह से Software और Application Development की प्रक्रिया इतनी तेज और आसान हो गई है! कि कम समय और कम लागत में जटिल सॉफ्टवेयर्स का निर्माण करना संभव हो गया है। यही वजह है कि DevOps आज का सबसे चर्चित और Trending Topic है।
DevOps काम कैसे करता है?
आपने DevOps का इतिहास तो जान लिया, लेकिन सवाल यह है कि यह काम कैसे करता है? How does DevOps work? तो Dev Ops का संचालन और विकास इंजीनियरों का अभ्यास है। इसमें Design और Development से लेकर Product के रिलीज़ और समर्थन तक सब एक साथ मिलकर काम करते हैं।
अर्थात् Software को डिजाइन करने से लेकर, विकास, परीक्षण और Launch करने तक, सभी टीमें तत्र लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करती है।
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आमतौर पर जो Projects DevOps में नहीं बनते हैं, उनमें Development Lifecycle लगातार नहीं चलता। बीच में में बहुत अधिक रुकावट आती है। लेकिन जो Softwares DevOps के जरिए बनते हैं उनमें Development Life-Cycle लगातार चलती रहती हैं। अब आप पूछेंगे कि यह Lifecycle क्या है? तो आइए, इसे भी समझ लेते हैं।
DevOps Lifecycle
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि DevOps सॉफ्टवेयर विकास को बेहतर बनाने की एक कार्यप्रणाली है! जो सॉफ्टवेयर के डिजायन, कोड, संचालन, परीक्षण, निर्माण, रिलीज़ तथा फीडबैक को एक Lifecycle के रूप में पेश करता है। इसे आप निम्न बिन्दुओं में समझ सकते हैं :-
- INFRASTRUCTURE AS CODE
- CI/CD
- CONTAINERIZATION
- TEST AUTOMATION
- SOFTWARE DEVELOPMENT
- SOFTWARE MEASUREMENT
एक DevOps Egineer पूरी Development Process की जिम्मेदारी लेता है। और अपनी Team व Customers को एक साथ Handle करता है। इस प्रक्रिया में DevOps LifeCycle इस तरह चलती है :-
1. सबसे पहले पूरी टीम मिलकर उस Software को बनाने का प्लान तैयार करती हैं, जो कस्टमर को चाहिए होता है। उसके बाद Customer से Verify कराती है कि वे जो बनाने जा रहे हैं वह सही है या नहीं?
2. दूसरे Step में Development Team उस पर काम शुरू करती है। जिसमें मूल रूप से Coding शामिल होती है।
3. Software बनने के बाद उसको Operation Team और Testing टीम के पास टेस्ट करने के लिए भेजा जाता है। Testing Team Software को टेस्ट करती है और पता लगाती है कि वह सही से काम कर रहा है या नहीं?
4. यदि Software में कोई समस्या होती है तो उसे तुरंत Development टीम के पास भेज दिया जाता है। ताकि उसे ठीक किया जा सके।
5. सॉफ्टवेयर के तैयार होने बाद उसे Customers को यूज करने के लिए दिया जाता है। कस्टमर्स उसे यूज करके देखते हैं और अपना अनुभव साझा करते हैं। कस्टमर्स के फीडबैक को सॉफ्टवेयर को और ज्यादा बेहतर बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
इस तरह Dev Ops की Life-Cycle लगातार चलती रहती है। जब तक कि Software या Application पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाता। Software Development Lifecycle कई सारे चक्रों से होकर गुजरता है और इन्हीं चक्रों में घूमता रहता है। ये चक्र निम्नलिखित हैं :-
Scrum
स्क्रम एक ढांचा है, जो जटिल वातावरण में Projects के निर्माण और वितरण के लिए इस्तेमाल किया जाता है! इसमें मुख्य रूप से Software Development पर जोर दिया जाता है। इसमें अधिक से अधिक मूल्य वाले सॉफ्टवेयर्स का निर्माण करके इसमें आने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। इसका उपयोग Research, Sales, Marketing और अन्य एडवांस्ड Technologies में किया जाता है।
Kanban
यह Software Development के प्रबंधन की एक विधि है! जिसे सभी टीमों को एक साथ प्रभावी ढंग से काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें Development Team पर अधिक बोझ न डालते हुए लगातार Operation पर जोर दिया जाता है। साथ ही सभी टीमों को एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
Scaled Agile Framework (SAFe)
SAFe एक कार्यप्रणाली है, जो काम करते समय Team में आने वाली समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती हैं। और टीम को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। SAFe (Scaled Agile Framework) का उद्देश्य Business को साहस और Teamwork करने के लिए मार्गदर्शन देना है।
Lean Development
जब Software Develop हो जाता है तो उसे उत्पादन के लिए भेजा जाता है। और यहाँ से Lean Development का काम शुरू होता है। यह Software के मूल्य निर्धारण और उत्पादन पर विचार करता है। यानि कि सॉफ्टवेयर का उत्पादन किस तरह होना चाहिए? और उसका मूल्य क्या होगा? इस पर विचार करता है। इसके लिए यह विभिन्न Values (मूल्यों) और Principles (सिद्धांत) का पालन करता है।
Extreme Programming (XP)
एक Software Development कार्यप्रणाली, जिसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर की गुणवत्ता और ग्राहकों की बदलती आवश्यकताओं के प्रति प्रतिक्रिया में सुधार करना है। यह Development के दौरान छोटी-छोटी गलतियों में सुधार करने के लिए अपनाया जाता है। इसमें ग्राहक जो-जो नई आवश्यकताऐं बताते जाते हैं, Developer उन्हें छोटे-छोटे चक्रों में जोड़ते चला जाता है।
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इसके अलावा Extreme Programming (XP) में अन्य Codes की जाँच करना, तमाम कोड्स का यूनिट परीक्षण, फालतू कोड्स को रोकना, Codes को एक नियमानुसार लिखना, और समय-समय पर Customers की बदलती Demand के अनुसार Software में बदलाव करना इत्यादि शामिल है।
DevOps के फायदे
डेव-ऑप्स के बारे में आपने यह कथन कई बार सुना होगा कि इसकी वजह से Development के क्षेत्र में नई क्रांति आ गई है। लेकिन सवाल यह है कि डेव-ऑप्स के आने के बाद डेवलपमेंट के क्षेत्र में क्या परिवर्तन आया है? और इसके क्या-क्या फायदे हैं? What are the benefits of DevOps? आइए, जानते हैं।
Speed
डेव-ऑप्स का सबसे बड़ा फायदा है कि इसकी वजह से Development Process में गति आ गई है! इसकी वजह से Projects जल्दी-जल्दी बनने लगे हैं। क्योंकि DevOps Environment में Development Life-cycle कभी रुकता नहीं है, वह लगातार चलता रहता है। जिससे काम में रुकावट नहीं आती। और इससे जो भी Application या Software बन रहा होता है, वो जल्द से जल्द बन जाता है।
Fast Delivery
दूसरा सबसे बड़ा फायदा है Fast Delivery. Dev Ops Environment में सभी टीमें एक साथ मिलकर लगातार काम करती हैं। और Customers की Demand को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास करती हैं। यानि कि कस्टमर्स के Orders को समय पर Deliver करने का प्रयास करती हैं। इससे तेजी से काम होता है। और Customers को समय पर Delivery मिल जाती हैं।
विश्वसनीयता
DevOps में पूरी टीम को कोई एक DevOps Engineer Lead करता है। यानि कि मार्गदर्शन देता है, जिससे पूरी टीम कदम से कदम मिलाकर चलती है और पूरी लगन के साथ काम करती है। अगर कोई गलती होती है, तो उसका तुरंत आमने-सामने उसका समाधान हो जाता है। इससे टीम में आरोप-प्रत्यारोप की नौबत नहीं आती। साथ ही टीम का एक दूसरे पर भरोसा बना रहता है।
बड़े पैमाने पर उत्पादन
डेव-ऑप्स Environment में Development Operations को बड़े पैमाने पर संचालित किया जाता है। इससे तुरंत और लगातार काम करके, बड़े से बड़े काम को कुशलतापूर्वक और कम जोखिम के साथ पूरा करने में मदद मिलती है। साथ ही गड़बड़ी की स्थिति में विकास, परीक्षण और उत्पादन वातावरण को दोहराने योग्य और अधिक कुशल बनाने में मदद मिलती है।
बेहतर सहयोग
डेव-ऑप्स के तहत आपको एक प्रभावी टीम के साथ काम करने का मौका मिलता है! जो जोखिम भरे माहौल में पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ काम करती हैं। इसमें Developers और Operation Team एक साथ मिलकर काम करती हैं। और जिम्मेदारियों को साझा करके आपसी सहयोग से Projects को पूरा करती हैं। एक साथ मिलकर काम करने से असंभव भी संभव हो जाता है। और काफी समय की बचत होती है।
बेहतर सुरक्षा
डेवऑप्स एनवायरमेंट में Developers और Operation Team एक साथ मिलकर चरणबद्ध तरीके से काम करती है। यानि कि सभी नियमों का पालन करते हुए एक-एक चरण को क्रमबद्ध रूप से पूरा करती है। इस दौरान कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की आनाकानी नहीं करता। यानि कि एक भी Step बीच में नहीं छूटता। इससे जो Project बन रहा होता है, वह अधिक सुरक्षित होता है। उसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ होने की संभावना नहीं रहती।
DevOps क्यों मायने रखता है
आज Internet और Software ने खरीदारी से लेकर मनोरंजन तक को एक जरूरत में बदल दिया है। सॉफ़्टवेयर अब केवल व्यवसाय में मदद नहीं करता, बल्कि व्यवसाय के हर हिस्से का एक अभिन्न अंग बन गया है। अब इसके बिना कोई भी Business चलाना नामुमकिन होता जा रहा है।
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कंपनियां अपने ग्राहकों के साथ बातचित करने और सेवाऐं प्रदान करने के लिए Softwares का इस्तेमाल करती हैं। साथ ही आयात-निर्यात और सामान की Delivery के लिए भी सॉफ्टवेयर्स का उपयोग करती हैं। आज के दिन लगभग हर Business में बड़े पैमाने पर Software Applications का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ऐसे में Software बनाने वाली कंपनियों को भी जल्द से जल्द और सुरक्षित Software बनाने की जरूरत है। और इसके लिए Dev Ops जैसी तकनीकी को अपनाना जरूरी हो जाता है। इसीलिए Dev Ops बहुत मायने रखता है।
DevOps मॉडल को कैसे अपनाएं
जैसा कि आप जानते हैं कि DevOps Environment में सभी टीमें एक साथ मिलकर काम करती हैं। जिसमें कई सारे Department होते हैं। जैसे Designing, Coding, Developing, Testing, Implementing, Manufacturing आदि। इन सभी डिपार्टमेंट्स के लोग एक साथ बैठकर काम करते हैं। और हर क्षण ग्राहकों की Demand पर Project में लगातार बदलाव करते रहते हैं।
अगर आप DevOps Model को अपनाना चाहते हैं तो आपके अंदर टीम भावना होनी चाहिए। साथ ही हर पल ग्राहकों की Demand के अनुसार नये बदलाव के लिए तैयार रहने का गुण होना चाहिए। इसके अलावा आपको हर पल अपनी टीम के साथ Discussion करना पड़ता है। और तुरंत निर्णय लेना पड़ता है। इसीलिए आपके अंदर तुरंत निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए।
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अगर आप अपने Organization के लिए Dev Ops Model को अपनाना चाहते हैं तो आपके पास मजबूत टीम होनी चाहिए। क्योंकि DevOps मॉडल का उपयोग करने वाले Organization के पास एक ऐसी टीम का होना बहुत जरूरी है! जो उनकी Organizational Structure की परवाह किए बिना, पूरे Development Life Cycle को अपनी जिम्मेदारी के साथ पूरा कर सके।
DevOps Tool कौन कौनसे हैं?
आज के दिन कई सारे DevOps Tools हैं! जिनकी मदद से आप अपने ग्राहकों के लिए अच्छे और प्रभावी Softwares बना सकते हैं। ये टूल्स आपके काम को आसान बनाते हैं। साथ ही Team को जटिल से जटिल काम को कुशलतापूर्वक पूरा करने में मदद करते हैं।
DevOps का Lifecylce Software के Source Code को बनाने, संग्रहित करने, विश्लेषण करने और समीक्षा करने से शुरू होता है। Source Code के Management में Version Control, Issue Tracking, Code Review, Packaging और कई अन्य कार्य शामिल हैं। इसीलिए इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कुछ Source Code Management Tools का उपयोग किया जा सकता है।
1. Git
जो लोग Computer Science के फील्ड में हैं, उन्होंने Git और GitHub के बारे में जरुर सुना होगा। असल में, Git सबसे लोकप्रिय DevOps Tools में से एक है। सॉफ़्टवेयर उद्योग में इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह एक Distributed SCM (Source Code Management) टूल है, जिसे Remote Teams और Open Source योगदानकर्ताओं द्वारा पसंद किया जाता है।
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यहाँ आप अपना Source Code Save करके रख सकते हैं। और यदि कोई दूसरी टीम उस कोड को देखना या उसमें बदलाव करना चाहे! तो वह आपके Github Account से जुड़ कर उस Source Code में बदलाव कर सकती है। Git में आप अपने विकास कार्य की प्रगति को ट्रैक कर सकते है। अर्थात् अपने Source Code के अलग-अलग Versions को संभाल कर रख सकते हैं। और आवश्यकता पड़ने पर पुराने Version में वापस लौट सकते हैं।
Git इस्तेमाल करने में बहुत आसान है। यहाँ आप अलग-अलग Folders बना कर कई सारे Source Code रख सकते हैं। और आपके कोड्स को कोई तब तक नहीं देख सकता, जब तक कि आप उन्हें Public ना कर दें।
वैसे तो मुख्य रूप से, Git एक Command Line Tool है, लेकिन यहाँ आप GUI Client को भी डाउनलोड कर सकते हैं। यह आपको Users के अनुसार Graphical Interface से Source Code Manage करने की सुविधा देता है। Visual Studio Code जैसे कई Source Code Editor भी पहले से ही Git Tool के साथ आते हैं।
Git को कैसे इस्तेमाल करें?
अपने DevOps Workflow के साथ Git को जोड़ने के लिए, आपको अपने Source Code को REPOSITORY में Host करना होता है। जहाँ से आपकी टीम के सदस्य उस पर काम सकते हैं।
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आज के समय में, सबसे Popular Online Git Repository होस्टिंग सेवाएँ प्रदान करने वाली कंपनियाँ Github, Gitlab और Bitbucket हैं। आप इन सभी Platform पर अपना Account Create करके Private और Public दोनों तरीके से Repository बना सकते हैं। इसके अलावा आप यहाँ पर Users को Invite करके अपने Code में बदलाव करवा सकते हैं। और उसकी प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं कि कितना काम पूरा हुआ है।
Git में आपको और भी कई तरह की DevOps सुविधाएँ मिलती हैं। जैसे कि नये Development को सीखना, कोड की समीक्षा करना, Code Editing में सहयोग करना, Security के स्तर की जाँच करना आदि। आप Signup करके Git का इस्तेमाल शुरू कर सकते हैंं।
2. Jira
जिरा एक लोकप्रिय Issue And Project Tracking Platform है, जो Atlassian का उत्पाद है। Atlassian एक प्रसिद्ध आईटी कंपनी है जो अत्यधिक मांग वाले सॉफ़्टवेयर टूल विकसित करती है। जैसे कि Confluence, Bitbucket, Trello, Statuspage आदि। आप Jira का उपयोग SaaS (Software As A Service) के रूप में कर सकते हैं।
Jira कंपनी की शुरुआत Softwares के अंदर Bug Find करने के लिए की गई थी। इसके अंदर कई Developers काम करते हैं। इसका User Interface Developers के लिए काफी अनुकूल है। यह Developers को Bug Find करने, Edit करके ठीक करने और काम को आगे बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए Jira में Bugs को ट्रैक करने की सुविधा दी गई है।
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आमतौर पर एक Software Developer अपने काम यानि कि Development Process पर ध्यान केंद्रित करता है! ताकि वह Software Application को बनाने की पूरी प्रक्रिया समझ सके। इसके लिए Jira Kanban, Agile और Scrum के साथ आता है।
इसके अलावा Jira के अंदर एक Advanced Automation Engine है, जो Users को Drag And Drop Interface मुहैया करवाता है। इसका उपयोग करके Users Automatic Interface बना सकते हैं। इसमें आप न केवल Jira के कार्यों को Automatic कर सकते हैं, बल्कि आप Bitbucket, GitHub और Microsoft Teams जैसे Tools से भी जुड़ सकते हैं। साथ ही उन्हें अपने Automation Workflow में शामिल कर सकते हैं।
3. SonarQube
सोनारक्यूब एक ओपन-सोर्स Code Review Tool है, जो 27 Programming Languages का समर्थन करता है। यह अलग-अलग भाषाओं में लिखे गए Applications के Source Code का विश्लेषण करने में सक्षम है। यह मुख्य रूप से Development Process के दौरान Coding की गुणवत्ता और सुरक्षा का ध्यान रखता है। साथ ही Code को लगातार चेक करता रहता है कि कही Error या गलती तो नहीं है। इससे Coder का ध्यान Code लिखने पर केंद्रित रहता है।
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सोनारक्यूब का सबसे खास फीचर Quality Gates है, जो कोड की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। यह Source Code में मौजूद Bugs और Errors का पता लगाता है। और कोड को Analyse करके Score बताता है कि कोड किस दिशा में जा रहा है? और उसमें कितने सुधार की जरूरत है। साथ ही SonarQube उपयोगी विज़ुअलाइज़ेशन प्रदान करता है, जिससे आप आसानी से देख सकते हैं कि Code में कहाँ सुधार की जरूरत है।
SonarQube Cloud और On-Premises दोनों में काम करता है। साथ ही यह अन्य Dev Ops Tools के साथ जुड़ कर काम कर सकता है। इसमें GitHub, GitLab, Azure Pipelines, Jenkins, Bitbucket और कई अन्य Tools शामिल हैं। आप SonarQube को Minimal Configuration के साथ इन Tools के साथ Set कर सकते हैं।
चूंकि SonarQube DevOps Workflow में Code को लगातार Analyse करता है। साथ ही कोड को त्रुटि रहित, सुरक्षित और बेहतर बनाने में मदद करता है। इसलिए इसे Dev Ops Tools में सबसे अच्छा Tools माना जाता है।
4. Gradle
ग्रेडल एक Multi-Language Automatic Build Tool है। जो Java, C++ और Python सहित कई प्रोग्रामिंग भाषाओं का समर्थन करता है। यह Dev Ops Workflow के लिए एक पॉपुलर और विश्वसनीय Build Tool है। दरअसल DevOps Stack को एक विश्वसनीय Build Tool की आवश्यकता होती है। और इसके लिए Apache Ant और Maven Dominated काफी पॉपुलर टूल हैं! जो कई वर्षों तक बाजार पर हावी रहे हैं। लेकिन 2009 में जब से Gradle आया है, तब से इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ी है।
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Apache Ant और Maven Configration के लिए XML भाषा का उपयोग करते हैं। जबकि Gradle Configration के लिए Groovy-Based DSL (Domain-Specific Language) का उपयोग करता है। इसके अलावा Gradle के अंदर Default DLS के अलावा Kotlin Based DLS भी मौजूद है। जिससे Kotlin में काम करने वाले Develpoers भी Gradle में आसानी-से अपनी Scripts लिख सकते हैं।
Gradle की विशेषताऐं
ग्रेडल Maven और Apache Ant में बनी Repository को सपोर्ट करता है। इसीलिए अगर आप पहले Maven में काम कर चुके हैं तो उसे Gradle में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही Gradle कई पॉपुलर IDEs (एकीकृत विकास वातावरण) को सपोर्ट करता है। जिनमें Netbeans, Eclipse और IntelliJ IDEA प्रमुख हैं। आपको बता दें कि Google ने Andriod Studio के लिए Gradle को Official Build Tool के रूप में चुना है।
खैर, Gradle आपको तेजी से Code Build करने की क्षमता प्रदान करता है। जिसमें यह चेक करता है कि पिछले रन के बाद Input और Output बदल गए हैं या नहीं? यह प्रक्रिया Developers का बहुत सारा समय बचाती है।
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वहीं अगर Performance की बात करें तो Gradle इस मामले में काफी आगे है। यह Maven की तुलना में 100 गुना तेजी से काम करता है। कुल मिलाकर, Gradle तेजी से Output देने की अनुमति देता है। और बहुत सारे Configration Options के साथ आता है।
DevOps Engineer कैसे बनें
जैसे जैसे DevOps Popular हो रहा है, इसमें Career की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। अगर आज के दिन आप Online Job Search करेंगे! आपको DevOps Jobs की एक लम्बी लिस्ट दिखाई देगी। लेकिन यह तो सिर्फ शुरुआत है। भविष्य में इस फील्ड में Jobs की काफी ज्यादा मांग होगी। इसीलिए जो लोग इस फील्ड में आना चाहते हैं। उनके मन में यह सवाल जरूर रहता है कि हम DevOps Engineer कैसे बन सकते हैं? How to become a DevOps Engineer? तो आइए, जानते हैं कि एक डेवऑप्स के पास कौन-कौनसी योग्यताएं होनी चाहिए।
1 Programming Language सीखें
अगर आप Dev Ops Engineer बनना चाहते हैं तो कम से कम दो-तीन Programming Languages जरूर सीखें। क्योंकि एक DevOps Engineer को प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज का नॉलेज होना बहुत जरूरी है। इसलिए Graduation में MCA या Btech में Computer Science Subject से पढ़ाई करें। और C++, Java और Python जैसी भाषाओं को सीखें। क्योंकि DevOps में काम करने के लिए इन भाषाओ पर अच्छा कमांड होना जरूरी है।
2. System और Server का ज्ञान
एक DevOps Engineer के लिए Computer System और Server Hardware की जानकारी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि इसके बिना आप DevOps Environment में काम नहीं कर सकते। इसीलिए बतौर डेवऑप्स इंजीनियर, आपको पता होना चाहिए कि Server को किस तरह Setup किया जाता है? इसके लिए College में ही Computer Operating System और Server की Practicle जानकारी लें।
3. Software निर्माण प्रक्रिया का ज्ञान
एक DevOps Engineer को Software Development Process का नॉलेज होना बहुत जरूरी है। यानि कि जब किसी Software को Develop किया जाता है! तो वह कौन-कौन सी प्रक्रिया से होकर गुजरता है। और इसके लिए कौन-कौनसे Tools का उपयोग किया जाता हैं। साथ ही किस Tool को कैसे इस्तेमाल किया जाता है? एक DevOps Engineer को इन तमाम चीजों की अच्छी जानकारी होनी चाहिए।
4. नेतृत्व करने का गुण
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि DevOps के अंदर सारे लोग मिलकर एक टीम के रूप में काम करते हैं। और इस टीम का नेतृत्व एक DevOps Engineer करता है। ऐसे में Team को मार्गदर्शन देने से लेकर टीम के बीच काम-काज के बंटवारे तक की सारी जिम्मेदारी Dev Ops Engineer की होती है। इसीलिए एक डेवऑप्स इंजीनियर के अंदर धैर्य, सहनशीलता और नेतृत्व जैसे गुणों का होना बहुत जरूरी है।
DevOps : निष्कर्ष
कुल मिलाकर DevOps एक ऐसी Methodology है, जो Development Process को तेज और आसान बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह एक टीम की कार्य क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है, जिससे उत्पादन पर अच्छा असर देखने को मिलता है। यानि कि उत्पादन की प्रक्रिया तेज हो जाती है। इससे कंपनियाँ कम समय में ज्यादा उत्पादन कर पाती हैं। इसीलिए बड़ी-बड़ी कंपनियाँ DevOps Model को अपनाती हैं।
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उम्मीद है इस आर्टिकल के जरिए आपको अच्छे-से समझ में आ गया होगा कि DevOps Kya Hai? और यह कैसे काम करता है? साथ ही आप यह समझ गए होंगे कि DevOps कितना जरूरी है? और इसमें Career की क्या संभवनाएं हैं? अगर यह आर्टिकल आपको उपयोगी लगा, तो इसे लाइक और शेयर जरूर कीजिए। और इस तरह के और आर्टिकल्स के लिए टेकसेवी डॉट कॉम को सब्सक्राइब कर लीजिए। ताकि जब भी हम नया आर्टिकल पब्लिश करें, आपको सूचना मिल जाए।
DevOps : FAQs
प्रश्न-1. DevOps क्या है?
उत्तर: डेवऑप्स एक Methodology (कार्यप्रणाली) है, जो निर्माण प्रक्रिया को तेज व आसान बनाने के साथ-साथ टीम की कार्य क्षमता और उत्पादन बढ़ाने पर जोर देती है। इसमें Development की प्रक्रिया से जुड़ी सभी टीमें एक साथ मिलकर काम करती हैं, जिससे काम तेजी-से होता है।
प्रश्न-2. DevOps का फुल फॉर्म क्या है?
उत्तर: DevOps का फुल फॉर्म Development Operations है।
प्रश्न-3. DevOps Tools कौन-कौनसे हैं?
उत्तर: वैसे तो आज के दिन सैंकड़ों DevOps Tools मौजूद हैं। लेकिन Git, Gitlab, Jira, Jenkins, SonarQube, Gradle, Puppet, Docker, Terraform, TeamCity, Salt, Splunk, Nagios, Chef, Kubernetes, Slack और Ansible सबसे Best DevOps Tools हैं।
प्रश्न-4. DevOps Engineer कैसे बनें?
उत्तर: डेवऑप्स इंजीनियर बनने के लिए आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज, Computer System, Operating System, Server और Software Application Development का ज्ञान नॉलेज बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको MCA (Masters In Computer Application) में Graduate या Computer Science में BTech करना चाहिए।
प्रश्न-5. DevOps Lifecycle के मुख्य चरण कौन-कौनसे हैं?
उत्तर: DevOps Lifecycle के मुख्य चरण निम्नलिखित हैं:-
- Continuous Development
- Continuous Integration
- Continuous Testing
- Continuous Deployment
- Continuous Monitoring
- Continuous Feedback
मैं मेघराज मुंशी, एक वेब डिजायनर, ग्राफिक आर्टिस्ट और ब्लॉगर हूँ। वैसे पेशे से मैं एक शिक्षक हूँ और शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार का कर्मचारी हूँ। पढ़ने-पढ़ाने और लिखने के अलावा मुझे फिल्में देखना बहुत पसंद है। साहित्य, संगीत, सिनेमा, अंतरिक्ष, विज्ञान और तकनीकी मेरे पसंदीदा विषय हैं।
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