IoT (Internet of Things) क्या है? इसका क्या उपयोग है?

आजकल हमारे घरों में स्मार्टफोन से लेकर स्मार्टवॉच, स्मार्ट टीवी, स्मार्ट एलईडी, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, AC, ब्लूटूथ स्पीकर, फिटनेस बैंड, लैपटॉप और सीसीटीवी कैमरे जैसे न जाने कितने Smart उपकरण इस्तेमाल होते हैं। लेकिन इनमें से कुछ उपकरण ऐसे भी हैं, जो दूसरे Devices (जैसे कि स्मार्टफोन) के साथ Easily Connect हो जाते हैं। और इन्हें कभी भी और कहीं से भी (दुनिया के किसी भी कोने से) कंट्रोल किया जा सकता है? इस तरह के उपकरणों को IoT (Internet of Things) उपकरण कहा जाता है। लेकिन सवाल यह है कि यह IoT Kya Hai? What is IoT (Internet of Things)? और इसका हमारे दैनिक जीवन में क्या उपयोग है? आइए, विस्तार से जानते हैं?

IoT (Internet of Things)

आज हमारे घरों में ऐसे-ऐसे स्मार्ट उपकरण हैं, जिनकी मदद से हम एक जगह बैठे-बैठे पूरे घर को कंट्रोल कर सकते हैं। भले ही टीवी पर अपना मनपसंद चैनल लगाना हो, गाना प्ले करना हो, खाना ऑर्डर करना हो, किसी को कॉल करना हो, मैसेज भेजना हो, अलार्म लगाना हो या फिर कमरे की लाइट ऑन/ऑफ करनी हो! सब कुछ एक क्लिक या एक वॉइस कमांड से हो जाता है। यही IoT की असली ताकत है।

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असल में, आज हमारे घर, साधारण घर न रहकर स्मार्ट घर (Smart Home) बन चुके हैं। अर्थात घर में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर उपकरण जैसे कि AC, फ्रिज, TV, वॉशिंग मशीन, OTG, माइक्रोवेव ओवन, CCTV Camera, LED Bulb और फर्नीचर तक सब कुछ Smart हो चुका है। यहाँ तक कि कारें भी अब इतनी स्मार्ट हो चुकी हैं कि दुर्घटना की स्थिति में ड्राइवर की जान बचा सकती हैं।

अगर किसी कार का Accident हो गया और ड्राइवर अंदर बेहोश हो गया। तो ऐसी स्थिति में कार खुद Ambulance को फोन करके सहायता मंगवा सकती है। और Police को Location भेजकर घटनास्थल के बारे में बता सकती है। साथ ही परिवार और रिश्तेदारों को भी कॉल करके मदद के लिए बुलवा सकती है। यह IoT का सिर्फ एक उदाहरण है। लेकिन सवाल अब भी वही है कि यह IoT (Internet of Things) Kya Hai? तो आइए, विस्तार से जानते हैं।

IoT (Internet of Things) क्या है?

IoT का Full Form है Internet of Things. अर्थात् भौतिक वस्तुओं (Things) का Internet. यह असल में Sensors, Softwares और अन्य Technologies से लैस Physical Objects (Things) को संदर्भित करता है, जो Internet के जरिए आपस में Communicate व Data Share करने में सक्षम हो। और दूसरे Devices के साथ Connect होकर एक नेटवर्क का निर्माण करते हों।

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अगर आसान भाषा में कहें तो IoT, इंटरनेट के जरिए काम करने वाले Smart उपकरणों का एक नेटवर्क है। जिसमें Physical Objects आपस में Communication करते हैं और एक-दूसरे के साथ डाटा शेयर करते हैं। जैसे कि TV, AC, Fridge, CCTV Camera, Smart Watch, Fitness Band आदि। ये सारे उपकरण आपके Smartphone से कनेक्ट होकर अपना डाटा शेयर करते हैं। और आपके Commands को Follow करते हैं।

आपको जानकार आश्चर्य होगा कि आज के दिन लगभग 7 बिलियन से भी ज्यादा डिवाइसेज IoT से Connected हैं। और यह एक बहुत बड़ा आंकड़ा है। लेकिन भविष्यवाणियां बताती हैं कि आने वाले समय में यह आंंकड़ा और भी तेजी से बढ़ेगा। क्योंकि IoT का उपयोग लगातार बढ़ रहा है।

IoT की खोज कब हुई?

पहली बार Sensor Expert Kevin Ashton ने 1999 में इस शब्द (IoT) का प्रयोग किया था। वे पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने भौतिक वस्तुओं को इंटरनेट से जोड़ने वाले नेटवर्क के रूप में “Internet Of Things” शब्द का प्रयोग किया था।

हालांकि Network का इस्तेमाल तब भी होता था। लेकिन उस वक्त के Computers इतने ज्यादा एडवांस्ड नहीं थे। क्योंकि उनके पास ज्यादा Sensors नहीं हुआ करते थे। इसीलिए वे सिर्फ उतना ही जान पाते थे, जितना उन्हें बताया जाता था। यानि कि वे खुद Sense नहीं कर पाते थे। और यह 20वीं सदी के Computers की सबसे बड़ी Limitation थी।

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खैर, उसी समय IoT (Internet of Things) की खोज हुई और Computers की दुनिया पूरी तरह बदल गई। यह टेक जगत की एक बड़ी खोज थी। जिसने Computers को Sense (महसूस) करने की क्षमता दे दी। आगे चलकर यह Technology दूसरे डिवाइसेज में भी इस्तेमाल होने लगी। और नतीजा? आज हम Smart Devices से घिर चुके हैं।

IoT Applications

आइए, IoT (Internet of Things) के कुछ Real Life Examples देखते हैं। जो हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी का अभिन्न हिस्सा हैं। यानि कि इनके बिना हमारी दिनचर्या पूरी नहीं हो सकती। तो आइए, जानते हैं कि हमारे रोजमर्रा के कामों में IoT का क्या योगदान है।

1. Smart Lighting

आजकल Hotels, Resturents, Bars, Offices आदि में Smart Lighting System का उपयोग किया जाता है। यह पूरी तरह Automatic होता है। यानि कि इसमें जो LED Bulbs होते हैं, वे WiFi से Connected होते हैं। इसीलिए उन्हें Computer या Smartphone से कंट्रोल किया जा सकता है। और अलग-अलग मूड के हिसाब से अलग-अलग Colour और Design में लाइट को अरेंज किया जा सकता है।

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इसके अलावा अगर आप एक टेकसेवी हैं, तो आपको पता होगा कि आजकल मार्केट में Sensor वाले LED Bulbs आने लगे हैं। जो बिजली की काफी बचत करते हैं। क्योंकि ये इंसान की मौजूदगी को भाँप लेते हैं। और उसके हिसाब से खुद-ब-खुद On या Off हो जाते हैं। यानि कि जब व्यक्ति रूम के अंदर जाता है, तो ये On हो जाते हैं। और रूम से बाहर निकलते ही Off. इस तरह एक मिनट भी फालतू बिजली खर्च नहीं होती। ऐसे Bulbs को आप अपनी आवाज से भी Control कर सकते हैं।

इतना ही नहीं, आजकल पार्टियों, शादी-समारोहों और बड़े-बड़े आयोजनों में भी Smart Lighting का उपयोग किया जाता है। जिसे मन-मुताबिक Control व Customize किया जा सकता है। यानि कि LEDs का कलर, डिजाइन, जलने-बुझने की गति, डायरेक्शन और समायावधि आदि को नियंत्रित किया जा सकता है। और बिजली की खपत को मॉनिटर किया जा सकता है। 

2. Smart Stairs & Doors

बड़े शहरों और महानगरों में जगह की कमी के कारण घरों में Smart Stairs (स्मार्ट सीढ़ियों) का प्रयोग किया जाता है। जो जगह और इंटीरियर के हिसाब से डिजायन की जाती हैं और अलग-अलग Mechanism पर काम करती हैं। जैसे कि कुछ सीढ़ियाँ Fold होकर एक छोटी-सी जगह में सिमट जाती हैं। वहीं कुछ दीवार के अंदर समा जाती हैं। इसी तरह बड़े-बड़े Malls और Buildings में स्वचालित सीढ़ियों (Escalators) का प्रयोग होता है। जो इंसान के पैर रखते ही अपने आप चल पड़ती हैं और उपयोग न होने पर रूक जाती हैं।

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इसी तरह आजकल Malls, Showrooms और Offices में Automatic Doors का प्रयोग होने लगा है! जो व्यक्ति को अपनी ओर आते हुए देखकर खुद-ब-खुद Open हो जाते हैं। और व्यक्ति के गुजरते ही अपने आप बंद हो जाते हैं। ये असल में Smart Doors होते हैं, जो Sensors की मदद से काम करते हैं। यानि कि इनमें Sensors लगे होते हैं, जो व्यक्ति को 10-15 मीटर दूर से ही Detect कर लेते हैं। और पास आने पर Door को Open कर देते हैं।

3. Flood Alert

अगर बाढ़ (Flood) के आने से पहले ही पता चल जाए कि बाढ़ आने वाली है! तो जाहिर-सी बात है, जान-माल नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। लेकिन पुराने जमाने में ऐसी कोई Technology नहीं थी। इसीलिए जान-माल का काफी ज्यादा नुकसान होता था। पर आज हमारी Technology इतनी एडवांस्ड हो गई है कि हम बाढ़, और भूकम्प जैसी आपदाओं का पूर्वानुमान लगा सकते हैं। और समय रहते लोगों को सचेत कर सकते हैं।

इसके लिए समुद्री तटों पर Sensors तैनात किए जाते हैं, जो समुद्र की हलचल पर पैनी नजर रखते हैं। और ज्वार (Tides) का पता लगाते हैं। साथ ही उनकी जांच करते हैं कि वे सामान्य हैं या नहीं। अगर Tides असामान्य रूप से ऊंचे और तीव्र होते हैं, और बाढ़ जैसी स्थिति बनती दिखती है! तो ये तुरन्त आपातकालीन सेवाओं को सिग्नल भेज देते हैं। और इस तरह उस एरिया में Alert जारी हो जाता है। ताकि लोग सतर्क हो जाएं और खुद का बचाव कर सकें। 

4. Health Checker 

आज Health से रिलेटेड इतने सारे Devices मार्केट में आ गए हैं कि आप बिना Doctor के पास गए ही अपने स्वास्थ्य की जाँच कर सकते हैं। और Heart Rate से लेकर Blood Pressure, Blood Sugar Level, Stress और Sleep तक को Monitor कर सकते हैं। इसके लिए मार्केट में कई तरह के Smart Devices उपलब्ध हैं। जैसे कि Smart Watches और Fitness Bands.

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आपको बताना चाहूंँगा कि आजकल Smart Watches में कई सारे Health Tracking Features आते हैं। जैसे कि Heart Rate Monitor, SPo2, Blood Pressure, Stress Tracker, Sleep Tracker आदि। इसके अलावा ये आपके स्मार्टफोन से Easily Connect हो जाती हैं। और अपना Data शेयर करती हैं। जिससे कि आप अपनी हेल्थ और फिटनेस को आसानी से Track कर सकते हैं।

5. Remote Control Appliances

आज हमारे घरों में जितने भी Remote Control Appliances हैं, सब Internet of Things (IoT) की ही देन हैं! अर्थात घर में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर उपकरण IoT समर्थित हैं। जैसे कि टीवी, फ्रीज, एसी, कूलर, पंखा, एलईडी बल्ब, सीसीटीवी कैमरा आदि। संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि Home Appliance एक बड़ा हिस्सा WiFi Enabled हो गया है। और इसकी वजह से चीजों को कंट्रोल करना काफी आसान हो गया है। आप एक जगह बैठे-बैठे, अपने घर के तमाम उपकरणों को नियंत्रित कर सकते हैं।

Internet Of Things (IoT) क्यों मायने रखता है?

जब कोई चीज इंटरनेट से जुड़ी है! तो इसका मतलब है कि वह सूचना भेज सकती है या प्राप्त कर सकती है या दोनों कर सकती है। सूचना भेजने और प्राप्त करने की यह क्षमता चीजों को Smart बनाती है। और आपको अधिक होशियार और बेहतर बनाती है। कैसे? आइए, एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।

मान लीजिए आपके पास एक Smartphone है। जिसकी मदद से आप दुनिया की कोई भी Movie देख सकते हैं। मगर इसलिए नहीं कि आपके फोन में हर Movie Store है। बल्कि इसलिए क्योंकि आपका फोन इंटरनेट से कनेक्टेड है। और इसीलिए आप एक मूवी को Cloud Server से डायरेक्ट अपने स्मार्टफोन में देख सकते हैं। यही Internet की असली ताकत है।

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अब अगर यही ताकत किसी Device को मिल जाए, तो वह कितना पॉवरफुल और Smart होगा? यह आप खुद समझ सकते हैं। वैसे आपको बता दूँ कि Smart होने के लिए किसी डिवाइस के अंदर Super Storage और Super Computer जैसी क्षमता होना जरूरी नहीं है। बस कनेक्टिविटी बहुत है। यानि कि अगर किसी डिवाइस को सुपर स्टोरेज या सुपर कंप्यूटर की क्षमता वाले डिवाइस से Connect कर दिया जाए! तो वह एक Smart Device बन जाएगा।

आज ऐसे ही Smart Devices से हमारी जिन्दगी भरी पड़ी है। हम रोज ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें से हमारा स्मार्टफोन सबसे कॉमन है। इन IoT उपकरणों की वजह से हमारी जिन्दगी काफी आसान हो गई है। साथ बहुत-सी चीजें हमारे कंट्रोल में आ गई हैं। जैसे कि ऑफिस में बैठे-बैठे यह देखना कि घर में क्या हो रहा है? कुल मिलाकर Internet of Things हमारे लिए बहुत मायने रखता है।

IoT (Internet of Things) कैसे काम करता है?

अब तक आप यह तो समझ ही चुके होंगे कि Internet of Things (IoT) क्या है? मगर सवाल यह है कि IoT काम कैसे करता है? How does IoT work? तो यह असल में Physical Devices, Data Analytics, Cloud Computing और Wireless Networking Technology की मदद से काम करता है। यानि कि Data, Device, Analytics और Connectivity के सामंजस्य से काम करता है। और Data Transmission के लिए IPv6 (Internet Protocol Version 6) का उपयोग करता है। अब आप पूछेंगे कि यह IPv6 क्या है? तो इसके बारे में हम Already बता चुके हैं। आप यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं :-

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खैर, Internet of Things की कार्यप्रणाली को निम्न बिन्दुओं में आसानी-से समझा जा सकता है :-

  • Physical Devices का एक ग्रुप होता है, जिसमें सभी डिवाइसेज Wired या Wireless Network के जरिए आपस में जुड़े हुए होते हैं।
  • डिवाइसेज Sensors की मदद से Data Collect करते हैं।
  • Collect किए हुए डाटा को Cloud Server या Device में Store किया जाता है।
  • उसके बाद Artificial Intelligence और Machine Learning की मदद से Data को Process किया जाता है।
  • और अंत में Processed Data को डिवाइस द्वारा किसी Action के लिए यूज किया जाता है।

कुल मिलाकर IoT (Internet Of Things) की कार्यप्रणाली इन तीन चीजों पर आधारित है :-

  • Sensor, जो जानकारी को एकत्र करते हैं और Connected Device को भेजते हैं।
  • Computer, जो जानकारी को प्राप्त करते हैं और उस पर कार्य करते हैं।
  • Things, जो दोनों कार्य करती हैं।

1. जानकारी एकत्र करना और भेजना

आईओटी का सबसे पहला काम Data एकत्र करके भेजना होता है। और यह काम Sensors के जिम्मे होता है। सेंसर्स कई तरह के होते हैं। जैसे कि हवा, प्रकाश, नमी, ऑक्सीजन, वायुदाब, हलचल, तापमान, गति, ध्वनि और ऐसी ही हजारों जानकारियों के लिए अलग-अलग तरह के Sensors होते हैं। यहाँ तक कि हमारे Phone में भी कई तरह के सेंसर्स होते हैं, जो फोन को जानकारी मुहैया करवाते हैं। इन सेंसर्स की पूरी जानकारी के लिए आप यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं :-

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जैसा कि आपको पता होगा कि हर डिवाइस का एक यूनिक एड्रेस होता है, जिसे IP Address कहा जाता है। यह उस डिवाइस की पहचान सुनिश्चित करता है। साथ ही जो WiFi और Bluetooth जैसे Devices होते हैं, वे भी IP Address के जरिए ही एक-दूसरे से Connect होते हैं। और Data का आदान-प्रदान करते हैं।

खैर, Data Transmission के लिए सेंसर्स को Network (Cellular, LPWAN, WiFi आदि) के साथ जोड़ा जाता है! ताकि वे Collect किए हुए Data को भेज सकें। इससे हमें जानकारी एकत्र करने की अनुमति मिल जाती है। और इस डाटा की मदद हम बेहतर निर्णय ले पाते हैं। उदाहरण के लिए, Flood Detection Sensor की मदद से हम बाढ़ के बारे में पता लगा सकते हैं। और सही समय पर अपने बचाव के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं।

2. Information प्राप्त व Process करना

डाटा भेजने के बाद बारी आती है Information को प्राप्त करके उस पर काम करने की। यानि डाटा को Process करके Result तैयार करने की। इसके लिए Computer जिम्मेदार होता है। कम्प्यूटर, Sensor द्वारा भेजी गई सूचना को प्राप्त करता है, उस पर काम करता है और रिजल्ट तैयार करता है। बिल्कुल उसी तरह, जिस तरह एक Printer काम करता है।

प्रिंटर Command के जरिए सूचना प्राप्त करता है। उसको Process करता है! और अंत में Print करके Result देता है। इसी तरह एक Smart Door भी Sensor की मदद से सूचना प्राप्त करके उसे Process करता है और खुल जाता है। यानि कि IoT समर्थित Devices को आप इन्हें दूर से ही Command देकर Control कर सकते हैं।

3. दोनों काम करना

बहुत-से IoT Devices (Things) दोनों काम करते हैं। यानि कि Sensors की मदद से Data Collect भी करते हैं। और उसे Process करके Output (Result) भी देते हैं। जैसे कि Google Smart Home, Amazon Eco, August Doorbell Cam, August Smart Lock आदि। ये सभी IoT Devices न सिर्फ Sensors की मदद से Data Collect करते हैं। बल्कि उसे प्रोसेस करके Action भी लेते हैं।

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उदाहरण के लिए, अगर आप Google Smart Home को को लाइट ऑन करने का कमांड देंगे! तो सबसे पहले वह आपके Voice Data को Collect करेगा। उसके बाद उसे Process करके Results तैयार करेगा। और अंत में Action लेगा। यानि कि लाइट ऑन करेगा।

IoT Technologies

हालांकि IoT (Internet Of Things) बहुत लंबे समय से अस्तित्व में है! लेकिन कुछ Technologies के अभाव में इसका ठीक तरह से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था। पर, अब सारी Technologies विकसित हो चुकी हैं! और बहुत-सी नई टेक्नोलॉजीज भी आ चुकी हैंं। इसीलिए IoT (Internet Of Things) तेजी से विकसित हो रहा है। लेकिन सवाल यह है कि वे Technologies हैं कौन-कौनसी? जिन्होंने IoT को संभव बनाया है? आइए, जानते हैं।

1. Sensors

हालांकि Sensors पहले भी थे, लेकिन इतने Advanced और Cost Effective नहीं थे, जितने आज हैं। पहले जब Technology इतनी ज्यादा विकसित नहीं थी, तब ये सारे Sensor काफी महँगे मिलते थे। जिससे IoT को विकसित करना काफी चुनौतीपूर्ण था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। क्योंकि आज मार्केट में बहुत ही अच्छी Quality के Sensors काफी कम कीमत में मिल जाते हैं। जिससे IoT के विकास को बढ़ावा मिला है। 

2. Connectivity

पहले जब Internet Protocol का विकास नहीं हुआ था, तब Data Transfer करना बहुत मुश्किल था। यह IoT के विकास में सबसे बड़ी बाधा थी। लेकिन आज ये Protocol मौजूद हैं! और इनकी मदद से Internet के जरिए द्रुत गति से बड़ी मात्रा मे Data Transfer करना संभव हो गया है। इस टेक्नोलॉजी ने Sensors को Cloud और अन्य “चीजों” से कनेक्ट करना और उनके बीच Data Transfer करना आसान बना दिया है। इससे IoT के विकास को काफी गति मिली है।

3. Cloud Computing

क्लाउड कम्प्यूटिंग की वजह से IoT का तेजी से विकास हुआ है। क्योंकि Cloud Computing ने Computer Services और Resources को काफी सस्ता और आसान बना दिया है। यानि कि महंगे Computer Resources (Servers, Storage, Computing Power आदि) को बेहद कम कीमत में Online और On Demand उपलब्ध करवा दिया हैं। इसकी वजह से बड़ी मात्रा में Data को Store करना और Manage करना काफी आसान हो गया है। इससे IoT के विकास में काफी मदद मिली है। क्योंकि अब Data को कभी भी और कहीं से भी Access किया जा सकता है।

4. Machine Learning And Analytics

आज Machine Learning की वजह से Big Data को Analyse करना और Useful Information निकालना काफी आसान हो गया है। इससे Internet of Things के विकास को काफी रफ्तार मिली है। क्योंकि IoT उपकरण बड़े पैमाने पर Data का उत्पादन करते हैं। जिसे Process करना और Actionable Information में बदलना काफी चुनौतीपूर्ण काम होता है। लेकिन Machine Learning की मदद से यह काम आसानी-से हो जाता है।

5. Artificial Intelligence (AI)

आईओटी को संभव बनाने वाली Technologies में AI (Artificial Intelligence) का खास योगदान है। क्योंकि आज आप जितने भी Smart Devices और Services यूज कर रहे हैं, वे सब इसी की देन हैं। यहाँ तक कि ML (Machine Learning) भी AI का ही एक हिस्सा है। खैर, Artificial Intelligence की वजह से आज Alexa Echo और Google Smart Home जैसे उपकरण विकसित हुए हैं! जिनकी मदद से आप सिर्फ Voice Command देकर पूरे घर को कंट्रोल कर सकते हैं।  

IoT (Internet of Things) के उपयोग

आज लगभग हर क्षेत्र में IoT का उपयोग हो रहा है। और इसका उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन IoT का सबसे ज्यादा फायदा उन उद्योगों को हो रहा है, जो इंटरनेट पर आधारित हैं। यानि कि Online Bsinesses को सबसे ज्यादा लाभ मिल रहा है। खैर, आइए! आईओटी के कुछ उपयोग (Uses of IoT) देखते हैं।

1. Retail

रिटेल इंडस्ट्री में IoT Applications का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। खासकर Inventory Management, Stock Tracking, Users Behavior Tracking, Personalized Shopping और ग्राहकों के अनुभव में सुधार करने के लिए IoT Applications काफी उपयोगी साबित होते हैं। साथ ही व्यापारियों का समय बचाते हैं।

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उदाहरण के लिए, सेंसर से सुसज्जित Smart अलमारियां RFID Based जानकारी एकत्र कर सकती हैं। और IoT Platform पर भेज सकती हैं। साथ ही आइटम कम होने पर Alert भेज सकती हैं। ताकि पता चल सके कि सामान खत्म होने वाला है। इससे स्वचालित रूप से इन्वेंट्री की निगरानी करने में मदद मिलती है।

2. Healthcare

हेल्थकेयर सेक्टर के लिए IoT बहुत लाभकारी है। खासकर मरीजों को ट्रेक करने और उनकी Health Monitoring के लिए IoT Applications बहुत मददगार होती हैं। जैसे कि Heart Rate Monitor, Pulse Oximeter, Electrocardiogram, Thermometer, Sphygmomanometer आदि। इन तमाम उपकरणों में Sensors लगे होते हैं जो Health की निगरानी करते हैं। और Data मुहैया करवाते हैं।

इसके अलावा Hostpitals में मरीजों को लाने ले-जाने के लिए अक्सर Wheelchairs का उपयोग किया जाता है। जिन्हें लाने ले-जाने के लिए हॉस्पिटल स्टाफ (या नर्स) की जरूरत पड़ती है। लेकिन आजकल Sensor युक्त Wheelchairs आ गई हैं! जो खुद-ब-खुद चलकर जरूरतमंद (मरीज) के पास पहुँच जाती है। इससे मरीजों और Hostpital Staff दोनों का समय बचता है। साथ ही इन व्हीलचेयर्स को ट्रैक करना बहुत आसान होता है। Hospital Managemnet जब चाहें, इन्हें Track कर सकता है। और इन पर निगरानी रख सकता है। 

3. Security

आजकल भौतिक संपत्तियों (घरों, दुकानों, फैक्ट्रियों आदि) पर नज़र रखने के लिए IoT उपकरणों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन भौतिक संपत्तियों के साथ-साथ IoT का उपयोग लोगों की सुरक्षा के लिए भी किया जाता है। उदाहरण के लिए तेल और गैस वाले क्षेत्रों, खदानों, और विद्युत संयंत्र जैसी खतरनाक जगहों पर काम करने वाले लोग हमेशा जोखिम भरे वातावरण में रहते हैं। ऐसे में उन्हें हर खतरनाक घटना के बारे में जानने की जरूरत होती है, जो उन्हें प्रभावित कर सकती है।

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ऐसे स्थानों पर काम करने वाले लोग IoT Sensor Based मशीनों से जुड़े होते हैं। जिससे कि उन्हें हर दुर्घटना के बारे में समय रहते सूचना दी जा सकती है। और उनसे बचाया जा सकता है। IoT Sensor–Based Applications का उपयोग पहनने योग्य वस्तुओं (Wearables) के लिए किया जाता है! जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरणीय परिस्थितियों की निगरानी कर सकते हैं। इस तरह के Sensor–Based Applications लोगों के जीवन की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

4. Transportation And Logistics

परिवहन और Logistics Systems के लिए भी विभिन्न प्रकार के IoT Sensor–Based Applications का उपयोग किया जाता है। IoT Sensor Data की मदद से मौसम की स्थिति, वाहन की उपलब्धता और ड्राइवर की उपलब्धता के आधार पर कारों, ट्रकों, जहाजों और ट्रेनों को चलाया जा सकता है। और अगर मौसम खराब हो तो उन्हें रोका भी जा सकता है। इसके अलावा अगर आपने कोई ऑनलाइन सामान Order किया है! तो आप उसे Track करके पता लगा सकते हैं कि वह कहाँ पहुंचा है?

इतना ही नहीं, मालवाहक जहाज अक्सर खाद्य पदार्थ, तेल और अन्य Sensitive सामान का आयात-निर्यात करते हैं। ऐसे सामनों को बहुत ही संभाल कर ले जाना होता है। यदि बीच में मौसम खराब हो जाता है या कोई तूफान, चक्रवात का खतरा होता है! तो IoT Sensor–Based Applications पहले ही सूचना दे देते हैं। जिससे कि जहाज को सुरक्षित रखने में मदद मिलती हैं। 

5. Public Sector 

हर सेक्टर की तरह Public Sector में भी IoT Sensor–Based Applications का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल हो रहा है। और जनता को काफी फायदा मिल रहा है। जैसे कि पार्क, बस स्टेंड और रेलवे स्टेशन पर CCTV Camera से 24 घंटे निगरानी। सड़कों पर Lighting की व्यवस्था। Traffic Lights और यातायात पर नियंत्रण। भीड़-भाड़ वाले जगहों पर विशेष नजर रखकर चोरी व लूटपाट जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है।

IoT (Internet of Things) के नुकसान

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हर Technology के कुछ फायदे होते हैं तो कुछ नुकसान। हालांकि फायदों की बजाय नुकसान हमेशा कम होते हैं, लेकिन होते जरूर हैं। उसी तरह IoT (Internet of Things) के भी कई सारे फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। आइए, IoT के नुकसानों (Disadvantages of IoT) के बारे जानते हैं।

Security And Privacy

आईओटी का सबसे बड़ा नुकसान है निजता (Privacy) का हनन। असल में, IoT की वजह से हमारे जीवन में Personal जैसा कुछ नहीं रहा। सब-कुछ Online हो चुका है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक हम क्या करते हैंं? कहाँ (लोकेशन) जाते हैंं? क्या खाते हैं? क्या पीते हैं? सारी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है। यह हमारी Privacy के लिए एक बड़ा खतरा है। इस Data का किसी भी तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। यहाँ तक कि ब्लैकमेल करने से लेकर नुकसान पहुंचाने तक, कुछ भी किया जा सकता है।

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इसी तरह हमारे घर की सुरक्षा करने वाले CCTV Camera के पास हमारे घर की पूरी जानकारी है। यानि कि कोने-कोने की वीडियो फुटेज है। साथ ही घर के तमाम सदस्यों और घर पर आने-जाने वाले अन्य लोगों (जैसे कि दोस्तोंं, रिश्तेदारोंं, पड़ौसियों) का भी पूरा रिकॉर्ड है। यह हमारी सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है। क्योंकि यह सारा Data Online है, जिसे कभी भी Hack किया जा सकता है।

सच पूछो तो IoT हमारी Privacy और Security के लिए सबसे बड़ा खतरा है। क्योंकि इन Sensor Based IoT Devices की वजह से हम हर पल Track हो रहे हैं। और हमारा Personal Data Online Upload हो रहा है। इसकी वजह से हम कभी भी Cyber Crime का शिकार हो सकते हैं। अगर यह डाटा किसी Hacker के हाथ लग जाए, तो वह हमें जैसे चाहे, नचा सकता है।

Increased Unemployment

जैसे-जैसे IoT उपकरणों का उपयोग बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे बेरोजगारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कंपनियों ने कर्मचारियों से ज्यादा IoT Devices का उपयोग शुरू कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो रहे हैं। क्योंकि उनका व्यवसाय अधिक कर्मचारियों के बिना भी आराम से चल रहा है।

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आजकल आपने देखा होगा कि हर कंपनी Customer Service के लिए AI Chatbots इस्तेमाल करती है। ये चैटबॉट्स ग्राहकों के सवालों का उतर देने से लेकर उन्हें नेविगेट करने तक ज्यादातर काम आसानी-से कर देते हैं। सिर्फ कुछ ही मामलों में Humen Assistant की जरूरत पड़ती है। इसी तरह अब दफ्तरों और उद्योगों का ज्यादातर काम चैटबॉट्स के जरिए होता है। इससे स्टाफ की जरूरत कम हो गई है।

Dependency On Technology

आज IoT की वजह से हमारे घर Smart Home बनते जा रहे हैं। और Technology पर हमारी निर्भरता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। आज हम कुछ भी कर सकते हैं, बशर्ते कि हमारे पास एक Internet Connectivity वाला Smart Device हो। युवा इस तकनीकी के उपयोग में अपना वक्त बर्बाद कर रहे हैं। वे नये Skills सीखने की उम्र में सोशल मीडिया पर चैटिंग कर रहे हैं। और किताबों की जगह Internet से पढ़ाई कर रहे हैं।

Lose Life Control

तकनीकी का अत्यधिक उपयोग हमारे हाथों से नियंत्रण छीन रहा है। और यह नियंत्रण धीरे-धीरे मशीनों के पास जा रहा है। क्योंकि हम मशीनों की योजना के अनुसार काम रहे हैं। और धीरे-धीरे तकनीक के गुलाम बनते जा रहे हैं। अब लोग मशीनों को नहीं, बल्कि मशीनें लोगों को कंट्रोल कर रही हैं।

IoT (Internet of Things): FAQs

प्रश्न-1. हमें Internet of Things क्यों चाहिए?

उत्तर: इसका एक सीधा और आसान-सा जवाब है कि Internet of Things लोगों को बेहतर ढंग से जीने और काम करने में मदद करता है। साथ ही उनके जीवन पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त करता है। घरों को स्वचालित करने के लिए स्मार्ट उपकरणों की पेशकश के अलावा IoT व्यवसाय के लिए भी आवश्यक है। 

प्रश्न-2. IoT शब्द कब अस्तित्व में आया?

उत्तर: IoT शब्द का आविष्कार Kevin Ashton के द्वारा 1999 में किया गया। इन्होंने ही IoT का नाम परिचित कराया था। यह एक Sensor Scientist थे। 

प्रश्न-3. पहले स्वीकृत IoT Device का नाम क्या था?

उत्तर: John Romkey द्वारा निर्मित Smart Toaster पहला IoT Device था, जिसे 1990 में बनाया गया था। इसे Internet द्वारा Control किया जाता था।

IoT (Internet of Things) : सारांश

आज हमारे दैनिक जीवन में IoT (Internet of Things) का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। और No Doubt, इससे हमारी जिन्दगी आसान भी हो रही है। लेकिन सच्च यह है कि इसकी वजह से हम मशीनों पर निर्भर होते जा रहे हैं। और मशीनें हमारी जीवन जीने की पद्धति, दिनचर्या, स्वभाव और आदतों को बदल रही हैं। यानि कि अप्रत्यक्ष रूप से मशीनें हमें Control कर रही हैं। इससे कई समस्याऐं पैदा हुई हैं। जैसे कि Privacy, Data Security और Online Safety.

असल में आज हमारी कोई भी जानकारी Personal नहीं रही है। हमारे उठने से लेकर रात को सोने तक की पूरी दिनचर्या का Data Internet पर मौजूद है। यहाँ तक कि घर के कोने-कोने की जानकारी वीडियो फुटेज के रूप मेंं CCTV Camera के सर्वर पर Stored है। इतना ही नहीं घर की सुरक्षा भी Smart Lock के भरोसे है। जिसे कभी भी हैक किया जा सकता है। अगर कोई Hacker चाहे तो इस Data को चोरी करके बहुत कुछ कर सकता है। कहने का मतलब यह है कि IoT एक फायदेमंद Technology है। मगर इसके कुछ नुकसान भी हैं। इसीलिए इसका उपयोग सुरक्षा और जिम्मेदारी साथ करना चाहिए।

IoT (Internet of Things) In Hindi

उम्मीद है, इस आर्टिकल के जरिए आप अच्छे-से समझ गए होंगे कि IoT Kya Hai? साथ ही Internet of Things कैसे काम करता है? इसके क्या-क्या उपयोग हैं? क्या-क्या फायदे हैं? क्या-क्या नुकसान हैंं? और किस तरह यह हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहा है? इन तमाम सवालों का जवाब मिल चुका होगा। अगर यह जानकारी आपको उपयोगी लगी, तो इस पोस्ट को Like और Share जरूर कीजिएगा। साथ ही टेकसेवी डॉट कॉम को Subscribe कर लीजिए, ताकि आप हमारे आने वाले आर्टिकल्स की सूचना पा सकें।

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